ਪਬਲਿਕ ਟਾਈਮਜ਼

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Monthly Punjabi Magazine
Smt. Pushpinder Kaur

Chief Editor

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थाना मकसूदां के अंतर्गत आते गांव नंदनपुर महाराजा गार्डन कॉलोनी में जो गत दिवस सीनियर पत्रकार सुमित महेंद्रु पर खुद ही हमला

थाना मकसूदां के अंतर्गत आते गांव नंदनपुर महाराजा गार्डन कॉलोनी में जो गत दिवस सीनियर पत्रकार सुमित महेंद्रु पर खुद ही हमला कर और कुछ देर के बाद भी अपने अन्य साथियों को बुलाकर फिर दोबारा गाली गलौज किया गया जो कि ना तो उस कॉलोनी के ही थे और ना ही उस गांव के थे वह भी धमकियां देने लगे जैसा कि अपने बयान में सुमित महेंद्रु ने बताया कि उनका प्रॉपर्टी को लेकर बीते डेढ़- पोणे 2 साल से माननीय कोर्ट में केस चल रहा है और जिसका स्टे भी हो चुका है परंतु फिर भी उसके बावजूद धीरज महेंद्रु और उसकी पत्नी ममता महेंद्रु आए दिन किसी न किसी बहाने से उन्हें तंग व परेशान करते रहते हैं ! परंतु वह तो अपनी लड़ाई कानूनी तरीके से लड़ रहे हैं उन्होंने बताया कि बीते दिनों भी वह 14 अप्रैल बैसाखी वाले दिन रात की गाड़ी से वह अजमेर के लिए ट्रेन से गए और 17 अप्रैल दिन सोमवार सुबह जब वह घर वापस आए तो देखा उस दिन भी इसी घर में ऊपर रहते धीरज महेंद्रु द्वारा पीछे से उनकी लाइट बंद की हुई थी ! जबकि यह सरासर कोर्ट की अवहेलना थी और है और जब इस बात का उनके द्वारा विरोध जताया गया तो तब भी वह दोनों ही पति पत्नी ऊपर से गाली गलौज करने लगे और जब गली में से ही एक परिवार आवाज सुनते हुए समझाने आया तो उनके सामने भी वह धीरज महेंद्रु बार-बार यही कह रहा था कि जब भी यह कहीं जाएंगे ताला लगा कर तो वह पीछे से हर बार ही मीटर बंद किया करेगा और तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता ! जब कुछ देर बाद इस बात के भी मकसूदां थाने जाकर लिखित में शिकायत दी गई तो मौके पर ड्यूटी अफसर का कहना था कि वह अभी तो किसी काम से जा रहे हैं और जब वह वापस आएंगे तो आकर आपके घर आकर मौका देख लेंगे और उसके 2 दिन बाद भी 19 अप्रैल दिन बुधवार को जब वह गली में पंखा लगाने के लिए इलेक्ट्रिशियन का इंतजार कर रहा था तब भी गली में से गुजरते हुए अपना एक्टिवा रोककर धीरज महेंद्र द्वारा गलत शब्दावली यूज़ करते हुए बार-बार यही कह रहा था कि क्या तू डर गया है अब जो कि कोर्ट में तारीख पर क्यों नहीं आता है और जब यही बात बार-बार दोहराता रहा तो जब मैंने अपना मोबाइल कैमरा निकाल कर उसकी वीडियो बनानी चाहिए तो वह वहां से गली में से मौके पर से भाग गया इसी बात की दोबारा रंजिश निकालने के लिए आगे सुमित महेंद्रु द्वारा बताया गया कि जब रात को 9:30– 9:40 के करीब वह घर पर आया और जबकि लाइट का भी कट लगा हुआ था और जो कि पहले से ही ऊपर अपने बनेरे पर धीरज महेंद्रु खड़ा था जब वह अपना बाइक घर के अंदर करने लगा तो ऊपर से धीरज महेंद्रु द्वारा दो बार मुझ पर थूंक डाला गया और जब मैंने इसका विरोध किया और फिर तीसरी बार थूंक डालते हुए कहा कि क्या मैं आऊं नीचे और तुझे देख लूंगा और नीचे आते ही मेरे आगे खड़े होकर धक्के मारने लगा और जब मैंने इसका विरोध किया तो हाथापाई बढ़ गई और जब मेरी पत्नी गीता रानी उर्फ वाणी भी छुड़वाने आई तो उस पर भी यह उसके बाल खींचकर मुके मारने लगा जिसमें मेरी पत्नी गीता रानी उर्फ वाणी को भी सिर में चोट लगी और ऊपर भागने से पहले इसने जब हम दोनों ही नीचे गिरे हुए थे तो इसने बड़ी सी ईंट उठाकर मेरा मोटरसाइकिल भी तोड़ डाला और वापस अपने ऊपर भाग गया और ऊपर जाकर बनेरे पर खड़ा होकर अपने किसी अन्य गांव के बाहर के लोगों को फोन करने लगा और इस सब के उपरांत जब गाड़ी में 3 लोग आए तब वह भी गालियां देने लगे और तूझ जैसे पत्रकार को शहर में देख लेने की बात कहने लगे और फिर इस पर भी उन्होंने यानी कि सुमित महेंद्रु द्वारा 112 पर शिकायत दर्ज करवाई गई और जब कुछ देर के उपरांत थाना मकसूदां से ड्यूटी अफसर किसी दलजीत सिंह नामक का फोन आता है तो पहले तो वह कहता है कि वह आधे-पोणे घंटे तक आएंगे तो जब मैं भी अपनी पत्नी के साथ सिविल हस्पताल एमएलआर के लिए निकल जाते हैं तो वैसे ही कुछ ही देर बाद एएसआई दलजीत सिंह का वापस होने फोन आ जाता है कि वह तो घर पर आ चुके हैं और आप कहां निकल गए हो तो जब सुमित महेंद्रु द्वारा फोन पर यह कहा गया कि सर आपने तो आधे-पोणे घंटे तक आना था तो इसीलिए वह एमएलआर कटवाने पहले चले गए और जब फोन पर ही बार-बार एएसआई द्वारा दूसरे पक्ष का बार-बार पक्ष लेते रहे तो जैसे ही मैंने अपनी फोन रिकॉर्डिंग चालू कर दी तो आगे से एएसआई फिर से कहने लगे की कर कर ले रिकॉर्डिंग कर ले और साथ ही यह भी कहने लगे कि मोटरसाइकिल की इकहली शोह ही टूटी है और सो तो ₹40 की पड़ जाती है और साथ ही यह भी कहने लगे कि तेरे जैसे पत्रकार मेरी रिकॉर्डिंग करके क्या कर लेंगे जो मैं थाने जाकर अपने अफसरों को रिपोर्ट दूंगा वह तो वही मानेंगे और साथ ही यह भी कहा कि तेरे जैसे पत्रकार 36 घूमते हैं शहर में और तुझे भी देख लूंगा ! और आगे सुमित महेंद्रु द्वारा बताते हुए कहा गया कि आप इन्हीं बातों से अंदाजा लगा लीजिए कि जो एक एएसआई पत्रकार को फोन पर ऐसा कह सकता है वह थानों में आम जनता के साथ क्या करते होंगे बस इतना ही कहते हुए उन्होंने कहा कि एसएसपी साहब अन्य बड़े अधिकारी इस और ध्यान दें और उन्हें इंसाफ दिलाएं ! और साथ ही यह भी एसएसपी साहब से मांग की गई है कि ऐसे एएसआई को सस्पेंड किया जाए

जो कि बिना इंक्वायरी किए ही एक ही पक्ष का साथ दें या फिर साइड ले !

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